• 06-05-2024 23:39:09
  • Web Hits

Poorab Times

Menu

गुस्ताखी माफ/शायरी

क्या जो पार्टी विकास की बात कर वोट मांगे वो  “ सूतिया” है ? क्या ईडी , सीबीआई और आईटी ने जो पिछले सालों में किया वो ट्रेलर था , उनकी पूरी पिक्चर अभी देखनी पड़ेगी ? क्या “ भगवान भरोसे “ बहुमत पाकर एक पार्टी , सरकार बनायेगी ?

गुस्ताखी माफ

क्या जो पार्टी विकास की बात कर वोट मांगे वो  “ सूतिया” है ? क्या ईडी , सीबीआई और आईटी ने जो पिछले सालों में किया वो ट्रेलर था , उनकी पूरी पिक्चर अभी देखनी पड़ेगी ? क्या “ भगवान भरोसे “ बहुमत पाकर एक पार्टी , सरकार बनायेगी ?

देश की 18 वीं लोकसभा चुनाव के दो चरणों की वोटिंग हो चुकी है . बचत 5 चरणों के लिये प्रचार प्रसार चरम पर है  लेकिन प्रचार के पैटर्न पर चर्चा करने पत्रकार माधो के यहां की चौपाल में एक पत्रकार ने कहा , यह पहला चुनाव है जिसमें पार्टियां अपने विज़न , अपनी उपलब्धियों की जगह , अपने विरोधी पार्टी की बुराइयों व उसे नीचा दिखाने पर ज़्यादा फोकस कर रही है . केवल इतना ही नहीं कुछ पार्टियों की कोशिश है कि किसी भी तरह धार्मिक ध्रुवीकरण हो जाए . उन पार्टियों के सर्वोच्च नेता से लेकर पार्टी के अन्य नेता , सदस्य व समर्थक भी सोशल मीडिया व अन्य माध्यम से न्यूनतम स्तर की बातें करने लगे हैं. मामला गम्भीर व बेलगाम होने लगा है . चुनाव आयोग भी केवल नोटिस देखर इतिश्री कर रहा है . इस पर दूसरा पत्रकार साथी बोला , साफ शब्दों में प्रधानमंत्री मोदीजी व भाजपा का नाम लेने से क्यों डर रहे हो ? सचमुच , प्रधानमंत्री के भाषणों को सुनकर , मुझ समेत अनेक लोगों को  बेहद दुख हो रहा है . उनको पसंद करने वाले,  क्योंकि दूसरों को वोट नहीं देना चाहते , वे मजबूर हो रहे हैं कि वोट देने ही नहीं जायें . यह भी वोटिंग पर्सेंटेज गिरने का यह भी एक कारण होगा . अब तीसरा साथी बोला , कांग्रेस तो कहीं मुक़ाबले में नहीं थी . प्रधानमंत्री की इमेज के कारण भाजपा यानि एनडीए स्पष्ट सरकार बनाते दिख रही थी. परंतु मोदीजी ऐसा नरेट कर रहे हैं कि जैसे कांग्रेस बड़े मुक़ाबले में है और उनकी पार्टी को कांग्रेस से भारी नुकसान की संभावना है . वे इतने भयभीत हो गये दिखते हैं कि  विरोधियों पर , उनके पुराने नेताओं पर , उनके पूर्वजों पर , अपने हर भाषण में आक्रमण कर रहे हैं .  अब चौथा साथी बोला, अब भाजपा भी नेपथ्य में चली गई , पार्टी गारंटी नहीं दे सकती है , मोदीजी सीना ठोक कर अपने नाम की गारंटी दे रहे हैं . एक सामन्य भाजपा समर्थक को समझ नहीं आ रहा है कि उनका हाई कमान क्यों भाजपा को वाशिंग मशीन बनाकर , दूसरी पार्टी से आए दागदार नेताओं के दाग धोने आमादा है . जब भी किसी पुराने  खाटी भाजपाई से इस बारे में पूछते हैं तो दिल में दर्द छिपाये , खिसियानी हंसी हंसते हुए बोलता है कि राजनीति में यह सब करना पड़ता है . अब बोलने की बारी मेरी थी , तो मैं बोल पड़ा . लगभाग चार-पांच दशकों पहले एक समय ऐसा आया था कि कांग्रेस में भी ऐसी ही भर्ती ज़ारी थी . बाद में नाम कांग्रेस का रहा और समाजवादियों का बोलबाला हो गया था . वैसे ही आज की अपनी पोलिसी के कारण ,आगे चलकर भाजपा में कांग्रेसियों समेत अन्य पार्टियों से आए बाहरी लोगो का बोलबाला अवश्य होने वाला है . पर इससे किसको कोई फर्क़ पड़ता है . मुख्य मुद्दा यह है कि देश की तरक़्क़ी की बात , ट्रेलर और फिल्म के उदाहरण से क्यों ? फिल्म का पार्ट' , 2  के बाद आगामी पार्ट 3 क्यों नहींअब पत्रकार माधो बोले, विपक्ष की पार्टियां अपने पुराने कारनामों से पूरी तरह से चरमरा गई थीं जो अभी तक संभल नहीं पाईं हैं , इसका फायदा भाजपा को मिलना तय है . पर खुद को दूध का धुला कहने वाले शायद यह सोचते हैं कि पिछले 10 सालों में 17 सरकारें गिराने व 700 से ज़्यादा सांसद / विधायकों को तोड़ने का काम , लोकतंत्र के लिये बहुत बड़ी उपलब्धि था. उससे बड़ा काम अजीत पवार जैसों के ऊपर लगे आरोपों को धोना है . सच है , जो आम इंसान विकास पर सवाल उठाये वो “ सूतिया” है .

इंजी. मधुर चितलांग्या,  प्रधान संपादक, दैनिक पूरब टाइम्स  

Add Rating and Comment

Enter your full name
We'll never share your number with anyone else.
We'll never share your email with anyone else.
Write your comment
CAPTCHA

Your Comments

Side link

Contact Us


Email:

Phone No.